कंट्रीलीड़र न्यूज नेटवर्क वाराणसी
मंगलवार पितृपक्ष की प्रतिपदा से श्राद्ध कर्म का कार्य शुरू हो गया। काशी के पिशाचमोचन पर पितृ को तृप्ति करने के लिये वैदिक विधान से श्राद्ध का दौर शुरू है। दूर दराज से लोग काशी पंहुचे कर पितरो को तर्पण दे रहे है।
श्राद्ध कर्म के सनातन हिन्दू धर्म के अनुयायी मानसरोवर घाट शिवाला घाट पंचगंगा घाट तुलसी घाट गाय घाट भैसासुर घाट पर भारी संख्या मे जुटे ।
वहीं स्थानीय लोगों ने काशी के अन्य घाटों पर पितरों के निमित्त तर्पण एवं श्राद्ध का विधान पूजा शुरू किया। इस तिथि पर (प्रतिपदा तिथि पर) मुख्यत: नाना-नानी के निमित्त श्राद्ध किया ।जिसका उल्लेख हमारे धर्म ग्रन्थों में वर्णित है।ऐसी मान्यता है कि श्राद्ध कर्म करने के उपरांत श्रीमद्भागत गीता के सप्तम अध्याय का पाठ करने से पितरों को शांति प्राप्त होती है।
मंगलवार पितृपक्ष की प्रतिपदा से श्राद्ध कर्म का कार्य शुरू हो गया। काशी के पिशाचमोचन पर पितृ को तृप्ति करने के लिये वैदिक विधान से श्राद्ध का दौर शुरू है। दूर दराज से लोग काशी पंहुचे कर पितरो को तर्पण दे रहे है।
श्राद्ध कर्म के सनातन हिन्दू धर्म के अनुयायी मानसरोवर घाट शिवाला घाट पंचगंगा घाट तुलसी घाट गाय घाट भैसासुर घाट पर भारी संख्या मे जुटे ।
वहीं स्थानीय लोगों ने काशी के अन्य घाटों पर पितरों के निमित्त तर्पण एवं श्राद्ध का विधान पूजा शुरू किया। इस तिथि पर (प्रतिपदा तिथि पर) मुख्यत: नाना-नानी के निमित्त श्राद्ध किया ।जिसका उल्लेख हमारे धर्म ग्रन्थों में वर्णित है।ऐसी मान्यता है कि श्राद्ध कर्म करने के उपरांत श्रीमद्भागत गीता के सप्तम अध्याय का पाठ करने से पितरों को शांति प्राप्त होती है।
No comments:
Post a Comment