जेटली के इस्तीफे पर अड़ी कांग्रेस, CBI पर भी लगाए गंभीर आरोप
कंट्रीलीड़र न्यूज नेटवर्क दिल्ली
नई दिल्ली. भारत से भागने से पहले कारोबारी विजय माल्या के वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात का मामला अब गरमाता जा रहा है. वित्तमंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग पर अड़ी कांग्रेस ने शुक्रवार को इस मामले पर फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुछ नए खुलासे किए.
कांग्रेस कोर कमेटी के सदस्य और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने वित्तमंत्री अरुण जेटली के करीब 30 महीने तक रहस्यमयी चुप्पी साधने और सीबीआई, एसबीआई के कार्रवाई में ढिलाई बरतने को लेकर भी सवाल उठाए.
सुरजेवाला ने कहा कि, “1 मार्च, 2016 को माल्या की वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात हुई और अगले ही दिन 2 मार्च को वह देश से फरार हो गया. वित्तमंत्री इस मामले पर रहस्यमयी तरीके से चुप्पी साधे हैं, जो कि उनके इस मामले में उनके कबूलनामे की ओर इशारा करता है. सुरजेवाला ने कहा कि पूरे मामले को देख ऐसा लगता है कि सीबीआइ, ईडी समेत देश की तमाम एजेंसियां माल्या को भगाने में लगी थीं.”
सुरजेवाला ने कहा कि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पूनिया ने 1 मार्च, 2016 को वित्तमंत्री जेटली और भगोड़े माल्या को संसद भवन में काफी देर तक बातचीत करते देखा. पीएल पूनिया ने कहा कि, सरकार सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग जारी करे, ताकि सच सामने आ सके. पूनिया ने यहां तक कहा कि अगर वो गलत साबित होते हैं तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे. सुरजेवाला ने कहा कि आखिर क्यों अब तक सरकार ने सीसीटीवी की फुटेज जारी नही की।
सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, 19 अगस्त, 2014 को SBI ने विजय माल्या को विलफुल डिफॉल्टर का नोटिस दिया था. 1 सितंबर, 2014 यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया ने विलफुल डिफॉल्टर का नोटिस दे दिया था. मई 2015 में SFIO (सीरियस फ्रॉड इनवेस्टिगेशन ऑफिस) ने मुकदमा दर्ज कर लिया. 29, जुलाई 2015 को सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर लिया था. इसके बाद 10 अक्टूबर को छापेमारी की और 16 अक्टूबर को लुकआउट नोटिस टू डिटेन जारी कर दिया था. सुरजेवाला पूछते हैं कि ऐसे में सीबीआई कैसे कह सकती है कि उसके पास साक्ष्य नहीं थे ?
कंट्रीलीड़र न्यूज नेटवर्क दिल्ली
नई दिल्ली. भारत से भागने से पहले कारोबारी विजय माल्या के वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात का मामला अब गरमाता जा रहा है. वित्तमंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग पर अड़ी कांग्रेस ने शुक्रवार को इस मामले पर फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुछ नए खुलासे किए.
कांग्रेस कोर कमेटी के सदस्य और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने वित्तमंत्री अरुण जेटली के करीब 30 महीने तक रहस्यमयी चुप्पी साधने और सीबीआई, एसबीआई के कार्रवाई में ढिलाई बरतने को लेकर भी सवाल उठाए.
सुरजेवाला ने कहा कि, “1 मार्च, 2016 को माल्या की वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात हुई और अगले ही दिन 2 मार्च को वह देश से फरार हो गया. वित्तमंत्री इस मामले पर रहस्यमयी तरीके से चुप्पी साधे हैं, जो कि उनके इस मामले में उनके कबूलनामे की ओर इशारा करता है. सुरजेवाला ने कहा कि पूरे मामले को देख ऐसा लगता है कि सीबीआइ, ईडी समेत देश की तमाम एजेंसियां माल्या को भगाने में लगी थीं.”
सुरजेवाला ने कहा कि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पूनिया ने 1 मार्च, 2016 को वित्तमंत्री जेटली और भगोड़े माल्या को संसद भवन में काफी देर तक बातचीत करते देखा. पीएल पूनिया ने कहा कि, सरकार सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग जारी करे, ताकि सच सामने आ सके. पूनिया ने यहां तक कहा कि अगर वो गलत साबित होते हैं तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे. सुरजेवाला ने कहा कि आखिर क्यों अब तक सरकार ने सीसीटीवी की फुटेज जारी नही की।
सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, 19 अगस्त, 2014 को SBI ने विजय माल्या को विलफुल डिफॉल्टर का नोटिस दिया था. 1 सितंबर, 2014 यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया ने विलफुल डिफॉल्टर का नोटिस दे दिया था. मई 2015 में SFIO (सीरियस फ्रॉड इनवेस्टिगेशन ऑफिस) ने मुकदमा दर्ज कर लिया. 29, जुलाई 2015 को सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर लिया था. इसके बाद 10 अक्टूबर को छापेमारी की और 16 अक्टूबर को लुकआउट नोटिस टू डिटेन जारी कर दिया था. सुरजेवाला पूछते हैं कि ऐसे में सीबीआई कैसे कह सकती है कि उसके पास साक्ष्य नहीं थे ?
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