कंट्रीलीड़र न्यूज सुलतानपुर
धनपतगंज| क्षेत्र के पड़रे गांव में आल्हा लोकगीत का बृहस्पतिवार को आयोजन हुआ। वीर रस प्रधान इस आल्हा खंड काव्य को सुनने के लिए भारी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हुए| आल्हा खंड के तहत "माड़वगढ़ की लड़ाई" गीत को सुन कर श्रोता जोश मे भर गये।
ग्रामीण अंचल में सावन मास से शुरू होने वाले वीर रस प्रधान आल्हा गीत को सुनने के लिए आज भी लोगों में ललक कायम है| जूनियर हाईस्कूल पड़रे मे जनपद के प्रसिद्ध आल्हा गायक द्वारा माड़वगढ़ की लड़ाई और ऊदल की वीरता का वीर रस भरी शैली में सुंदर जोशीला वर्णन किया गया।जिसके तहत माड़वगढ़ के राजा करिया से पिता की हत्या के बदले की भावना के साथ माड़व दरबार में ऊदल द्वारा करिया को "दिन दोपहर मा माड़व लूटब, तौ छाती कै दाह बुताय "जैसे ललकार भरे गीतों को सुनकर श्रोताओं के बाजू फड़क गए| जोश से भरे श्रोताओं ने आल्हा गायक का तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया और गायन शैली की सराहना भी की|
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