श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही प्राणी का होता है कल्याण...*
कंट्री लीडर न्यूज नेटवर्क सुलतानपुर
रिपोर्ट -सुनील राठौर ब्यूरो प्रमुख
क्षेत्र के जमोलि बार्डर पर स्थित पूरे शिव दयाल कूरेभार के आईटीआई एवं स्पेक्ट्रम हाई एकेडमी के प्रांगण में विगत कई वर्षो से निरन्तर आयोजित होने वाली सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रतापगढ़ से पधारे विख्यात कथा वाचक पं शिवकुमार ओझा शास्त्री जी महाराज ने महापुराण की सुन्दर चौपाइयो से श्रोताओ का मन मुग्ध कर दिया। प्रति दिन कथा के उपरान्त महा आरती
कर प्रसाद वितरण कराया गया। इसके साथ ही कथा के अंतिम में हवन पूजन किया गया।
भगवताचार्य पं शिवकुमार ओझा शास्त्री ने कथा का रसपान कर रहे श्रोताओ से ध्रुव की कथा सुनाते हुये कहा कि जब तक जीव माता के गर्भ में रहता है। जब तक बाहर आने को छटपटाता है। उस समय जीव बाहर निकलने के लिए ईश्वर से अनेक प्रकार के वादे करता है। मगर जन्म लेने के उपरांत वह सांसारिक मोह माया में फंस कर भगवान से किए वादे को भूल जाता है। जिसके फलस्वरूप उसे 84 लाख योनी भोगनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपने जीवन में जिस प्रकार के कर्म करता है। उसी के अनुरूप उसे मुत्यु मिलती है। भगवान ध्रुव की साधना, उनके सत्कर्म तथा ईश्वर के प्रति अटूट श्रद्धा के परिणाम स्वरूप ही उन्हें बैकुंठ लोक प्राप्त हुआ। मानव तन धारण करने वाले बहुत ऐसे ऋषि, मुनि और पुण्यात्मा है जिनका नाम लेकर हम खुद को धन्य समझते है। वह लोग भक्ति के माध्यम से आज अमरत्व की प्राप्ति कर समाज के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने हुए है। उन्होंने कहा कि जो मनुष्य इस जिंदगी से मुक्ति पाना चाहता है। उसे एक जन्म में हजारों वर्षो का काम कर लेना होगा। जैसे स्वप्न में मान- अपमान, मेरा- तेरा, अच्छा- बुरा दिखता है। जाग्रित अवस्था में उसकी सत्यता नहीं रहती। वैसे ही इस जगत का भी अनुभव करना होगा। स्वामी जी ने इस से पहले सभी भक्तजनों को व्यसन व नशे इत्यादि से दूर रह कर सात्विक जीवन यापन करने को आह्वान किया। इस कथा को सुनने से इंसान के मन में अध्यात्म से जुड़ने की प्रेरणा व शांति मिलती है। इस संगीतमयी कथा में वाद्यंत्रक कमल मिश्र, घनश्याम पाठक, सूरज मिश्र, सोमनाथ, अतुल शास्त्री, माधव दास ने अपने करूणमयी स्वर से श्रीमद्भगवत कथा के चौपाइयो का उच्चारण कर कथा के श्रोताओ को भक्तिमय कर सरावोर कर दिया। दौरान भव्य कार्यक्रम के आयोजक पं.रामकिशोर पाण्डेय नेे सभी के प्रति श्रोता गणो के प्रति आभार प्रगट क़िया। कथा में मौके पर
आनन्द साव्रण पाण्डेय, केवल पति पाण्डेय, सरोज पाण्डेय, श्यामा पाण्डेय, मन्जूलता शुक्ला, उषा देवी पाण्डेय, वीरेन्द् पाण्डेय, महेन्द पाण्डेय, राजा राम तिवारी, विजय कुमार पाण्डेय, दिनेश कुमार मिश्र, श्याम चरण मिश्र, आशाराम तिवारी, प. शिव कुमार मिश्र, प्रधान धीरेन्द्र प्रताप सिंह, जगदम्बा प्रसाद दूबे, वीपी दूबे, चंचल उपाध्याय, प्रसिद्ध नरायण तिवारी, शैलेंद्र दूबे, वीरेन्द् प्रकाश पाण्डेय, ज्योति शर्मा, मनोज चौरसिया, रविंद्र तिवारी, अशोक द्विवेदी, जितेंद्र पाण्डेय, परम् सुख मिश्र, दिनेश यादव सहित सैकड़ो भक्तजनो ने कथा का रसपान कर महाआरती में सम्मलित होकर प्रसाद ग्रहण किया...!
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