कंट्री लीडर समाचार पत्र की प्रस्तुती
रिपोर्ट -शिवम तिवारी
प्रयागराज मे गंगा के संगम तट पर 2019 में अर्धकुंभ
लगने जा रहा है। श्रद्धालुओं के साथ-साथ इलाहाबाद का प्रशासन भी इसकी तैयारियों में लगा है। इस आयोजन मे आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न उठानी पडे इसके लिए प्रदेश सरकार ने सुरक्षा के लिये पुलिस, जल ,स्वास्थ समेत कई अन्य विभागों को चाक चौबंद व्यवस्था की जिम्मेदारी सौप दी है। हर 6 वर्ष पर अर्धकुंभ लगता है और 12 वर्ष में महाकुंभ। इससे पहले 2013 में इलाहाबाद में महाकुंभ लगा था। अपने पौराणिक महत्व के कारण हर बार देश-विदेश से करोड़ो श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।
यह कुंभ मेला न सिर्फ श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है बल्कि पर्यटन के लिहाज से भी काफी अच्छा है। खासकर, इस दौरान दुनिया पर से फोटो ग्राफर्स इस आध्यात्मिक मेले की खूबसूरती को कैमरे में कैद करने के लिये दुनिया के कोने कोने से पहुंचते हैं। इस दौरान संगम तट देवलोक का रूप ले लेता है। जिसमें श्रद्धालु ,और संत निवास करते हैं। और हर व्यक्ति कह उठता है कि "को कहि सकै प्रयाग प्रभावू"और जब जीव उक्त अवशर पर संगम क्षेत्र मे पंहुच कर त्रिवेणी मे मज्जन कर लेता है तो वह परमात्मसत्ता के सारूप्य को प्राप्त करने का भागीदार बन जाता है। गंगा यमुना और सरस्वती के इस मिलन स्थल के मनोहारी दृश्य को जीवन भर नही भूल पाता है।
यह मेला मकर संक्रांति से शुरू हो जाता है, इसलिए इस समय नदी के ऊपर कोहरे की चादर होती है और जब हल्की धूप इस कोहरे को काटती हुई निकलती है तो वह काफी मनोरम लगता है।
दर्शनीय स्थल--
*मनकामेश्वर
*अलोपी देवी मंदिर
*इलाहाबाद किला
*आनंद भवन
इस दौरान कुछ खास दिनों का विशेष महत्व है। इन दिनों में स्नान का भी विशेष महत्व है जिसे शाही स्नान कहते हैं। इस बार शाही स्नान निम्न तारीखों को पड़ रहे हैं।
मकर संक्रांति: 14-15 जनवरी
मौनी अमास्या: 4 फरवरी
बसंत पंचमी: 10 फरवरी
माघ पूर्णीमा: 19 फरवरी
महाशिवरात्री-4मार्च
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