कंट्री लीडर न्यूज नेटवर्क सुलतानपुर
धनपतगंज । बढते जल प्रदूषण से मानव जीवन की संभावनाओं पर सवाल खडा हो रहा है।प्रदूषण की चपेट मे आ चुकी नदियो को प्रदूषण से मुक्त कराने के लिये सरकार को जंहा पूरी ईमानदारी और जिम्मेदारी से वही आम जनमानस को नैतिक रूप से जिम्मेदारी निभानी होगी।उक्त बाते कथा व्यास राम चन्द्र रामायणी जी
ने टीकर गाँव मे श्रोताओं से कही।
पाचवे दिन की कथा को आगे बढाते हुये भगवान कन्हैया की बाल लीला के कालिया मान मर्दन की कथा की तात्विक विवेचना करते हुये कहा कि
नदियाँ देश की जीवन रेखा है जिन्हें हर हाल मे प्रदूषण से मुक्त कराना होगा।द्वापर युग मे भी कालिया नाग के चलते यमुना का पानी विषाक्त हो गया और मानव जीवन पर संकट खडा हुआ तो भगवान वासुदेव कन्हैया ने अपने बाल लीला के प्रयास से यमुना को प्रदूषण मुक्त किया ।आज के दौर मे नदियो का प्रदूषण (कालान्तर मे जिसे कालिया नाग नाम से जाना गया था।)एक बार फिर मानव जीवन की संभावनाओं पर सवाल खडा कर रहा ।जिसे हर हाल मे खत्म करना होगा जिसके लिये जंहा सरकार को ईमानदारी से काम करना होग वही आम जनमानस को भी नदियो को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिये नैतिक जिम्मेदारी निभानी होगी।इस मौके पर आचार्य धर्मेन्द्र शास्त्री, राम जनम मिश्र, अनिल प्रकाश थिवारी,महेश मिश्र,स्वामी मिश्र,कालिका बख्श,हरिबक्श आदि लोग मौजूद रहे।
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