कंट्री लीडर न्यूज नेटवर्क सुलतानपुर
रिपोर्ट --रणविजय सिंह
धनपतगंज । श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट हो जाते हैं। कलयुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान, बैराग्य कथा श्रवण से जागृत हो जाता है। जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। उक्त बातें क्षेत्र के टीकर गांव में अनिलप्रकाश तिवारी के यहां चल रहे सात दिवसीय भागवत कथा के पांचवे दिन भक्तों के वीच कथा ब्यास रामचन्द्र मिश्र रामायणी ने कही।
उन्होंने कहा कि भागवत पुराण हिंदुओं के 18 पुराणों में से एक है। श्रीमद्भागवत को केवल भागवतम् भी कहते हैं। जिसमें श्रीकृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। भगवान की विभिन्न कथाओं का सार श्रीमद्भागवत मोक्ष दायिनी है।
इसके श्रवण से परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई। कलियुग में आज भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिला है। भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला का दर्शन करने के लिए भगवान शिव जी को गोपी का रूप धारण करना पड़ा। मौके पर बेदप्रकाश तिवारी , उदयप्रकाश तिवारी , हरिबक्स मिश्र , हरिप्रसाद मिश्र , श्यामनारायण मिश्र , छोटेलाल कनौजिया प्रधान , गणेश बरनवाल , प्यारेलाल बरनवाल सहित सैकड़ों श्रोता उपस्थित थे।
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