कंट्री लीडर न्यूज नेटवर्क सुलतानपुर
रिपोर्ट -करूणा शंकर तिवारी
धनपतगंज । सभी राजनीतिक दल चुनाव के दौरान मंदिर ,मस्जिद ,कालाधन ,घोटालों के साथ जन समस्याओ और अन्य कई मुद्दों पर बातें खूब करते है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद बुनियादी मुद्दों को दरकिनार कर दिया जाता है। ऐसा मानना है क्षेत्र के तिराई इलाके के सिहोरिया, कोलिया,बगियवा ,अमऊ ,जासरपुर ,माधवपुर जैसे दर्जनों गांव के बाशिंदों का जो दर साल गोमती नदी के उफान के चलते जलभराव की समस्या से जूझने के लिए मजबूर हैं। इन गाँवों के लोग अपनी समस्या को लेकर सजग तो दिखते हैं और हर बार चुनाव के दौरान विधायकों, सांसदों से बाढ़ के चलते गांव पर खड़े हो रहे अस्तित्व के संकट से उबारने का मुद्दा रखते हैं ।लेकिन चुनाव के बाद उनकी समस्याओं को दूर करने की बात कौन करे, संकट के समय कोई झांकने तक नहीं आता है। गोमती नदी की धारा से महज 15 मीटर दूर पर अपने आधे शेष बचे गाँव केअस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे बगिया गांव के बाशिंदे अपनी बुनियादी मुद्दों को लेकर काफी सजग तो दिखाई पडते है लेकिन इन्हें हर बार धोखा ही मिलता है।ऐसे मे इलाके के मतदाता अब किस दल को वोट करें? क्योंकि सभी दलों के नुमाइंदों को आजमा कर देख लिया गया है ,सभी झूठे ही निकले। बताते चलें वर्ष 2008 में बाढ़ के दौरान बगियवा गाव के रामदेव, बैजनाथ, सरजू ,पंचम जैसे दर्जनभर से अधिक परिवार की पूरी घर गिरहस्ती के साथ खेती योग्य भूमि नदी के पेटे में समा गई थी ।गांव के ऐसे परिवारो को मजबूरन अन्यत्र जाकर कहीं और अपना आशियाना बनाना पड़ा। देखना है कि बाढ से प्रभावित होने वाले इलाके के तकरीबन 10हजार से अधिक आबादी के लोगो के इस बुनियादी मुद्दे को इस बार सफलता मिल भी पायेगी या नही।
चुनाव को लेकर क्या कहते हैं ग्रामीण
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जज्जौर निवासी दयाशंकर यादव का कहना है कि, गांव में किनारे बंधा बनवाने की बात करके हर बार हम लोगों का वोट लेकर लोग चले जाते हैं घूम कर कोई आता नहीं।
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का कहना है कि नेताओं पर भरोसा नहीं रहा सब झूठे हैं । अब तो भगवान का ही भरोसा है ।
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बगियवा गांव के उमेस यादव
कहते हैं कि गांव का अस्तित्व संकट में है। नदी की धारा महज 15 मीटर दूर है बंधा न बना तो गांव का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा ।
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