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बिजली विभाग में करोड़ों रुपये के इस घोटाले के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। दरअसल 18 जनवरी 2017 से 30 दिसंबर 2017 के दौरान मेजा डिवीजन में बिजली बिलों को विभाग के खाते में जमा न किए जाने मिले राजस्व बुक के अनुसार जमा की गई धनराशि को विभाग में जमा नहीं किया गया।
बिजली बिल के मद में जमा किए जाने वाले करोड़ों रुपये डकार लिए गए हैं। उपभोक्ताओं ने तो अपने बकाये बिलों को जमा किया, लेकिन न तो बिजली विभाग के खाते में राजस्व जमा हुआ ना ही किसी का बिल चुकता हो सका। बिजली बिलों के नाम पर इस हेराफेरी का पता न उपोभक्ताओं को चला न बिजली विभाग को। अब मामला सामने आने के बाद इस मामले में एक कर्मी को निलंबित कर दिया गया है। मामला विद्युत वितरण खंड मेजा से जुड़ा है। दरअसल वहां पूरे एक साल के बिजली बिल को कुछ लोग बिना जमा किए ही हजम कर गए। इस डिवीजन में बिजली बिलों की रकम वसूलने के बाद विभाग के खाते में जमा ही नहीं की गई। वर्ष 2017 में वर्ष भर के बिजली बिलों की रकम डकार ली गई है। अब तक की जांच में करीब 2.50 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आ रही है।
प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए थाने में दी गई तहरीर
बिजली विभाग में करोड़ों रुपये के इस घोटाले के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। दरअसल 18 जनवरी 2017 से 30 दिसंबर 2017 के दौरान मेजा डिवीजन में बिजली बिलों को विभाग के खाते में जमा न किए जाने मिले राजस्व बुक के अनुसार जमा की गई धनराशि को विभाग में जमा नहीं किया गया।
मामला जानकारी में आने के बाद कमेटी बनाकर प्रकरण की जांच कराई गई। जांच कमेटी ने कर्मी पवन तिवारी को जिम्मेदार ठहराते हुए उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की संस्तुति कर दी। पवन को निलंबित कर दिया गया है। उसके विरुद्ध एक्सईएन ने मेजा थाने में तहरीर दी है। फिलहाल अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी है।
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