मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार, जनता की अपेक्षा के अनुरूप काम करेगी. तो इस सबसे ये सवाल खड़ा हो जाता है कि क्या अब सीएम का कार्रवाई रूपी ‘बुल्डोजर’ ब्यूरोक्रेसी पर चलेगा?
यूपी के सभी मंत्रियों ने सभी 75 जिलों की रिपोर्ट सीएम को सौंपी. कैबिनेट बैठक में भी मंत्रियों ने अपनी आकलन रिपोर्ट को कर रखा था. रिपोर्ट में स्थानीय अधिकारियों और ब्यूरोक्रेसी के लापरवाही की भी बात कही गई. रिपोर्ट मिलने के बाद सीएम ने नोडल अधिकारियों से भी रिपोर्ट मांगी है.
मंत्रियों द्वारा सभी 75 जिलों की रिपोर्ट को भी अलग-अलग नोडल अधिकारियों को सौंपा जाएगा. तीन दर्जन जिलों के अधिकारियों और कर्मचारियों की व्यापक स्तर पर शिकायत हुई है. मंत्रियों द्वारा दी गई सीएम को रिपोर्ट में कहा गया है थाने, तहसील व ब्लॉक व जिला मुख्यालय पर जनता की सुनवाई में लापरवाही बरती जा रही है.

इन जिलों की रिपोर्ट खराब

आजमगढ़
गाजीपुर
मिर्जापुर
सुल्तानपुर
प्रयागराज
जौनपुर
प्रतापगढ़
बरेली
मुरादाबाद
हमीरपुर
पीलीभीत
लखीमपुरखीरी
मऊ
देवरिया
बांदा

भ्रष्टाचार में डीएम औरैया सुनील वर्मा सस्पेंड किए जा चुके हैं.
लापरवाही बरतने पर DM सोनभद्र टीके शिबू सस्पेंड किए जा चुके हैं.
लापरवाही के मामले में गाजियाबाद की पूर्व डीएम निधि केसरवानी सस्पेंड हो चुकी हैं.
लापरवाही बरतने पर गाजियाबाद SSP पवन कुमार निलंबित हो गए थे.
SP महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन अलंकृता सिंह को भी सस्पेंड किया जा चुका है.
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के असिस्टेंट कमिश्नर आशुतोष मिश्र सस्पेंड कर दिए गए थे.
बाराबंकी ट्रेड टैक्स असिस्टेंट कमिश्नर अंजली चौरसिया निलंबित हो चुके हैं.