कंट्री लीडर न्यूज नेटवर्क सुलतानपुर
रिपोर्ट >रणविजय सिंह (जि प्रति)
भारत में पुष्प की खेती एक लंबे अरसे से होती रही है, लेकिन आर्थिक रूप से लाभदायक एक व्यवसाय के रूप में पुष्पों का उत्पादन पिछले कुछ सालों से ही प्रारंभ हुआ है। समकालिक पुष्प ,गेदा
गुलाब, कमल ग्लैडियोलस, रजनीगंधा, कार्नेशन आदि के बढ़ते उत्पादन के कारण गुलदस्ते और उपहारों के रूप देने में इनका उपयोग काफ़ी बढ़ा है।
फूल को सजावट और औषधि के रूप मे उपयोग लम्बे समय होता चला आ रहा है। इसके अलावा घरों और कार्यालयों को सजाने में भी इनका उपयोग बहुतायत से होता है। मध्यम वर्ग के जीवनस्तर में सुधार और आर्थिक संपन्नता के कारण पुष्प बाज़ार के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया और फूलों की खेती को एक विशाल बाज़ार का स्वरूप प्रदान कर दिया है। पुष्प उत्पादन में भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
फूल की खेती मे है बडी संभावनाएँ-----
भारत ने पुष्पकृषि ने निर्यात के क्षेत्र में विशाल कदम रखा है। भारत में फूलों की खेती के लिए 232 हज़ार हेक्टयर क्षेत्र था जिसमें फूलों उत्पाद 1.729 मिलियन टन हुआ तथा खुले फूलों का उत्पाद 76.73 मिलियन टन हुआ। फूलों की खेती कई राज्यों में व्यावसायिक रूप से की जा रही है और मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, झारखंड, के बाद अब उत्तर प्रदेश मे फूलों की खेती की हिस्सेदारी बढ़ गई गयी है।
युवाओं मे फूल की खेती को लेकर ललक बढी हुई है। जनपद सुलतानपुर मे दर साल पुष्प खेती का दायरा बढता जा रहा।पुष्प खेती करने वाले किसानों का मानना है कि कम लागत और थोडे से रखरखाव से मुनाफे की गुजाइस ज्यादा है।बाजार भी आसनी से उपलब्ध होने लगा है। पारम्परिक खेती से बहुत ज्यादा मुनाफा देने वाली फूल की खेती के बाबत समरथपुर ग्रामपंचायत के लादी पुरवा निवासी नवयुवक राकेश तिवारी ने बताया कि
गेंदे से शुरू करें फूल की खेती -----
देखा जाय तो भारतवर्ष में गेंदा हर घर में हर मौके पर इस्तेमाल होने के कारण अब यह एक व्यावसायिक नकदी फसल बन गया है। यह फूल सजावटी गमलों में भी प्रयोग किया जाता है साथ ही यह गमलों की दहलीज पार कर बड़े बड़े खेतों में पहुंच गया है। गेंदा की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह वर्ष के बारहों महीनों फूल देता है। जिन महीनों मे कोई अन्य फूल नहीं मिलते हैं उन दिनों में भी गेंदा का फूल सहज ही उपलब्ध होता है। गेंदा हर मौसम में प्राप्त होने के साथ साथ इसकी दूसरी विशेषता है कि यह कई दिनों तक ताजा बना रहता है। गेंदे का पौधा हर प्रकार की जलवायु के प्रति सहनशील होता है तथा लम्बे समय तक फूलता रहता है।
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राकेश तिवारी का कहना है कि पढाई के साथ कुछ समय निकाल कर इस खेती से पैसा कमाया जा सकता है जिसके लिये वे अपने मित्रों को अपनी फूल की खेती दिखा कर प्रेरित भी कर रहे है इसी क्रम मे उन्होंने अभय तिवारी को खेत मे लेजाकर फूल खेती की जानकारी देते दिखाई पडे।
राकेश तिवारी का कहना है कि पढाई के साथ कुछ समय निकाल कर इस खेती से पैसा कमाया जा सकता है जिसके लिये वे अपने मित्रों को अपनी फूल की खेती दिखा कर प्रेरित भी कर रहे है इसी क्रम मे उन्होंने अभय तिवारी को खेत मे लेजाकर फूल खेती की जानकारी देते दिखाई पडे।
फूल खेती मे अपना भविष्य तलाशने वाले नवयुवको के लिये जरूरी जानकारी ---
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जो युवा इस क्षेत्र में अपना भाग्य आजमाने चाहते हैं, उनके लिए अनुभव बेहद जरूरी है।फ्लोरिकल्चर सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री जैसे कोर्स करके एक सफल फूल उत्पादक किसान के साथ व्यवसायी बन सकते है।
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