धनपतगंज।धरा धाम पर जब जब अनीति और अत्याचार बढता है। विप्र,धेनु, सुर ,और संत को पीडा पंहुचाने वाले असुर समूह का वर्रचस्व बढ जाता है । मानवता संकट मे पडती है तब परमात्मा अपने संकल्पो के साथ अवतरित होता है। उक्त बाते कथा व्यास शिव मोहन दास. ने श्रोताओं से कही।
क्षेत्र के हरौरा बाजार मे चल रही नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के चौथे दिन राम जन्मोत्सव मनाया गया। इस मौके पर श्रद्धालु भगवान श्रीराम सहित चारों भाइयों के जन्म कथा का श्रवण कर झूम उठे। कथावाचक शिव मोहन दास जी ने राम जन्म प्रसंग की ऐसी व्याख्या की कि श्रोता भावविभोर हो उठे। कथा के दौरान महाराज ने कहा कि बिप्र धेनु ,सुर ,संत हित अपने संकल्पो के साथ साक्षात भगवान श्रीराम माता कौशल्या के गर्भ से अवतरित हुए और "निश्चर हीन करहुँ महि,भुज उठाय प्रण कीन्ह "का संकल्प पूरा किया।
भगवान श्री राम वैदिक सनातन धर्म की आत्मा और परमात्मा है ।भगवान श्रीराम ने दशानन रावण का वध कर मानव जाति को संदेश दिया कि सत्य और धर्म के मार्ग का अनुसरण कर जगत को आसुरी शक्तियों से मुक्त किया जा सकता है। सत्य के पर्याय भगवान श्री राम सदगुणों के भंडार हैं अनंत कालो से भारतीय जनमानस उनके जीवन पद्धति को अपना आदर्श और सदमार्ग मानता है। कथा समापन पर सभी ने भगवान की आरती उतारी और प्रसाद ग्रहण किया।
इस मौके पर विक्रम सिंह, सूरज सिंह, इंद्रपाल सिंह ,विजय तिवारी, शिव मौर्या, गंगा सागर शुक्ला ,सूर्यभान सिंह, दिवाकर सिंह आदि लोग.मौजूद रहे।