धनपतगंज।भक्ती,वैराग्य औ बोध कराते हुये मुक्ति का मार्ग दिखाती है श्रीमद्भागवत कथा। अज्ञान और अहंकार मिटेगा तभी परमात्म सत्ता के दर्शन होंगे।उक्त बातें कथा व्यास डा विनय जी महराज ने खरकहिया गांव मे चल रही कथा के दौरान श्रोताओं से कही।
सोमवार को कथा के पहले दिन प्रथम वेला मे कलश शोभायात्रा निकाली गयी ।यात्रा बाबा सुचित दास महराज के आश्रम से लोहंगी होते हुये कथा स्थल खरकहिया गांव पंहुंची जंहा कलश स्थापना और देव पूजन का कार्य सम्पन्न हुआ। द्वितीय वेला की कथा मे भक्ति और वैराग्य तथा कथा महात्म की व्याख्या करते हुये कथा व्यास ने बताया कि भाग्य, भक्ति, वैराग्य और मुक्ति पाने के लिए भागवत की कथा सुनो और उसे आचरण और व्यवहार मे भी लाओ। जगत की नही श्रीकृष्ण की सुनो, संसार की नही ,शास्त्र की.मानो तभी हमारे कर्म श्रेष्ठ होंगे। और आपको आपके द्वारा किये कर्म के फल दुःखी नही कर सकेंगे। फिर संसार की किसी बात का फर्क आप पर नही पडेगा, और आप वैराग्य के पथिक बन जायेंगे। और मुक्ति मिल जायेगी। कथा समापन पर सभी ने भागवत भगवान की आरती उतारी और प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर जयचंद्र दूवे,कैलाश दूवे, गिरजेश दूवे, राकेश दूवे, लोकेश द्विवेदी,सूर्यनाथ दूवे,राधेश्याम, वीरभद्र दूवे,विवेक दूवे,ओ दूवे, मनोज, आदि लोग.मौजूद रहे।
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